Unacademy के बारे में आप सभी ने सुना ही होगा यह एक लर्निंग एप्लीकेशन है यह एजुकेशन के क्षेत्र में काम करने वाला भारत का सबसे बड़ा Online Education प्लेटफार्म बनके उभरा हैं। इसपे हर रोज लाखो छात्र घर बैठे अपनी एग्जाम की तयारी करते है यह एक शिक्षा का पूल है जो छात्रों और शिक्षकों को घर बैठे एक दूसरे से जोड़ सकता हैं। इस पूल के निर्माण का कार्य 2010 *में गौरव मुंजल द्वारा यूट्यूब के माध्यम से हुआ था दखते ही दखते 2015 में रोमन सैनी और हेमेश सिंघ भी इसमें शामिल हुए और इन्होंने Unacademy को एक बहुत बड़ी Pvt.Ltd Company का रूप दे दिया। आने वाले समय मे, मैं आप लोगो को Unacademy अप्प को कैसे Join करे इस बारे में भी बताने वाला हूँ।
यह एक भारतीय इंटरैक्टिव ऑनलाइन ट्यूशनिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे 2016 में "तनुश्री नागोरी" और पति "आदित्य शंकर" द्वारा शुरू किया गया था। 2009 में, दंपति ने ग्रेड 9 से 12 के छात्रों को ऑफ़लाइन ट्यूशन देना शुरू कर दिया था, जहां उन्होंने गणित और विज्ञान पढ़ाया था। Doubtnut एंड्रॉइड एप्लिकेशन के रूप में या इसकी आधिकारिक वेबसाइट के रूप में भी उपलब्ध है।
यहां आपको मैथ्स, साइंस, सीबीएसई (CBSE ), एनसीईआरटी(NCERT) , आईआईटी जेईई( IITJEE ),एनईईटी( NEET) और कक्षा 6वी से 12 वी के लिए डाउट सॉल्यूशंस, डाउटनट टीम द्वारा हल किए गए इंस्टेंट वीडियो के रूप में दिए जाते हैं ,सवालों का जवाब पाने आपको Doubnut की आधिकारिक वेबसाइट या एंड्राइड एप्लीकेशन पर अपने सवालों को पोस्ट करना होता हैं।
Doubnut गणित और विज्ञान के सवालों के समाधान प्रदान करने के लिए छवि मान्यता प्रौद्योगिकियों का उपयोग करता है।किसी प्रश्न का हल खोजने के लिए, उस प्रश्न का चित्र हमेDoubnut पर अपलोड करना होंगा। अप (Application) चित्र में दिए हुए प्रश्न के टेक्स्ट को निकालता हैं और इसे अपने सवालों के डेटाबेस में खोजता हैं,प्राप्त परिणाम उपयोगकर्ता को वीडियो के माध्यम में प्रदान करता हैं। अन्यथा यह उपयोगकर्ता को अपने प्रश्न को सार्वजनिक रूप से मंच पर उपलब्ध ट्यूटर्स के लिए पोस्ट करने के लिए कहता है, जिससे उपयोगकर्ता के प्रश्न समझाते हुए एक वीडियो प्रदान किया जा सके।
BYJU'S दुनिया की सबसे मूल्यवान Ed - tech कंपनी है और भारत में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले स्कूल लर्निंग ऐप के निर्माता है. जो कक्षा 1 -12 (K-12) और JEE, NEET और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तयारी कर रहे छात्रों के लिए अत्यधिक अनुकूली, आकर्षक और प्रभावी शिक्षण कार्यक्रम प्रदान करते हैं।
BYJU'S ने 2015 में 4 से 12 कक्षाओं के लिए अपना प्रमुख उत्पाद, BYJU’S - The Learning App लॉन्च किया।आज, इस App में 47 मिलियन से अधिक छात्र registered है और 3.5 मिलियन छात्रों ने इसका एक साल का Paid Subscription Course भी लिया हैं
1700+ शहरों से हर दिन एक छात्र द्वारा ऐप पर औसतन 71 मिनट का समय बिताने के साथ, ऐप सीखने का एक नया तरीका तैयार बन कर उभरा हैं.
BYJU'S Early Learning app ko जून 2019 में लॉन्च किया गया था, जो कि डिज़नी के समयबद्धता वर्णों की विशेषता वाले 1-3 वर्गों में छात्रों के लिए BYJU'S की एक विशेष पेशकश थी.
BYJU'S भारतीय क्रिकेट टीम का आधिकारिक प्रायोजक(Official Sponsor) भी है। विश्व स्तरीय सीखने के अनुभवों को देखते हुए, BYJU’S के कार्यक्रम सीखने को प्रासंगिक और दृश्य बना रहे हैं।
एप्लिकेशन को उनकी गति और सीखने की शैली के अनुसार, प्रत्येक छात्र की अनूठी सीखने की शैली के अनुकूल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
BYJU'S नए-पुराने, भूगोल-अज्ञेय सीखने के साधनों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, जो मोबाइल के क्रॉस-सेक्शन, संवादात्मक सामग्री और वैयक्तिकृत शिक्षण पद्धतियों पर आधारित हैं।
VEDANTU
संस्थापक - वामसी कृष्णा ,पुलकित जैन ,सौरभ सक्सेना ,आनंद प्रकाश मुख्यालय - बैंगलोर ,भारत उद्योग- Online Education वेबसाइट- www.vedantu.com
इस उद्योग के संस्थापकों ने IIT जैसे बड़े और नामी संस्थान से अपनी शिक्षा पूरी की हैं. यह एक भारतीय इंटरएक्टिव ऑनलाइन ट्यूशन प्लेटफॉर्म है जहां शिक्षक इंटरनेट पर छात्रों को स्कूल ट्यूशन प्रदान करते हैं, यह एक ऐसा मॉडेल है जहा छात्रों को जिस भी शिक्षक से सीखने का मन हो उनसे वे शिक्षा ले सकते हैं,बशर्ते शिक्षक की भी प्रोफाइल उपलब्ध रहना जरूरी हैं. इसमे WAVE(White Board Audio Video Environment) नामक सरल और सहज तकनीक का उपयोग शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए किया जाता हैं.
सुरुवात मे यह संस्थान मुख्य रूप से भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाण पत्र (ICSE) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(CBSE) के 4थी से 12वी तक के छात्रों शिक्षा प्रदान करने का कार्य करते थे । वर्तमान मे यह कंपनी Indian Institute of Technology Joint Entrance Examination (IIT JEE), National Talent Search Examination (NTSE) जैसी अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए भी पाठ्यक्रम प्रदान कर रही हैं.
एक छोटा सवाल -
क्या आने वाले समय मे आपको नहीं लगता पूरी शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन हो सकती है?
INTERESTING FACTS ABOUT LITHIUM || LITHIUM ION, BATTERY|| IMPORTANT THINGS TO KNOW ||जानिए लिथियम के बारे में....
नमस्ते दोस्तों ,एलिमेंट तथ्य सीरीज में आप सभी का दिल से स्वागत है। इस तथ्य सीरीज में मैं आप सभी को 118 एलिमेंट से जुड़ी रोचक और बेहतरीन बातें बताने वाला हू ,इस सीरीज में आज का तीसरा एलिमेंट है Lithium (लिथियम)
आज के दौर में मोबाइल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है और अगर मोबाइल में बैटरी ही ना रही तो मोबाइल किसी काम का ही नहीं रहेंगा वैसे आज के दौर में मोबाइल फ़ोन चार्ज करना दैनिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा ही बन गया हैं।लिथियम का सबसे बड़े पैमाने में बैटरी में उपयोग किया जाता हैं ,अक्सर जब भी आप बैटरी को देखते होंगे तो उसपर लिखा होता है ,Li -ion बैटरी।
लिथियम आयन का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा, इलेक्ट्रिक कार और सभी प्रकार के रिचार्जेबल घटकों में किया जाता हैं । लिथियम आयन में एक इलेक्ट्रॉन आसानी से लिथियम आयन बनाने के लिए खो जाता है ,जिसे हम रसायनशास्त्र की भाषा में ऑक्सीडेशन कहते हैं । बैटरी में अपरिवर्तित स्थिति में इलेक्ट्रान इलेक्ट्रोलाइट से होते हुए एनोड से कैथोड की और जाते है और चार्ज करते समय यह रिवर्स प्रक्रिया होती है। घड़ियों, खिलौनों आदि जैसी वस्तुओं में बटन जैसे फ्लैट विद्युत घटक होते हैंऔर इनमे लिथियम धातु का उपयोग किया जाता हैं,इसी कारण से इन्हे हम रिचार्ज नहीं कर सकते हैं।
लिथियम का ढेर सारे घटको में पड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है जिस वजह से लिथियम अब एक दुर्लभ तत्व बन गया है। आज पृथ्वी पर उपलब्ध भंडार लगभग 25 वर्ष तक ही रहेंगा ,इसके लिए, लिथियम आयन इलेक्ट्रोलाइट (Lithium Ion Electrolyte) का विकल्प खोजना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक हो गया हैं।
अब आगे देखते हैं लिथियम से जुड़े रोचक तथ्य के बारे में -
जोहान अगस्त अरफवेडसन ने सन 1817 में लिथियम की खोज की थी।
यह प्रकृति में स्वतंत्र रूप में नहीं पाया जाता हैं ,सभी अल्कली मेटल (Alkali Metals) की तरह ,यह भी बेहद प्रतिक्रियाशील (Reactive) और ज्वलनशील धातु हैं ,जिस वजह से इसे खनिज तेल में रखा जाता हैं
लिथियम साबुन को ट्रायग्लिसराइद्स (triglycerides) यानि वसा के सापोनिफिकेशन (saponification) द्वारा बनाया जाता है ,इस क्रिया में सैपोनिफिकेशन एजेंट के रूप में लिथियम हाइड्रोऑक्साइड(LiOH) का इस्तेमाल किया जाता हैं।
लिथियम साबुन का इस्तेमाल स्नेहक के घटकों (Lubricants Componenets )में किया जाता हैं।
लिथियम हाइड्रॉक्साइड एक यौगिक है जो हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है, इसलिए इसका उपयोग अंतरिक्ष यान और पनडुब्बियों में किया जाता है।
लिथियम कार्बोनेट या साइट्रेट का उपयोग मुख्य रूप से अवसाद या उन्माद( Depression or Mania) के लक्षणों को रोकने और उन्हें वापस न आने देने में मदद के लिए किया जाता हैं।
लिथियम मेटल का उपयोग मानिआ (Mania) यानि उन्माद के उपचार हेतु भी किया जाता हैं।
ऑस्ट्रेलिया सबसे ज्यादा मात्रा में लिथियम का उत्पादन करता हैं।
लिथियम आयन बैटरी बनाने वाले तीन वैज्ञानिक "जॉन बी गुडइनफ" , "एम स्टेनली व्हिटिंगम" और "अकीरा योशिनो" को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2019 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
भारत में हाल ही में शोधकर्ताओं द्वारा मंड्या (Mandya) नामक स्थान पर लिथियम के भंडार खोजे हैं ,जो बंगलोर से लगभग 100 किलोमीटर दूर हैं।
लिथियम-एल्यूमीनियम कंपोजिट हल्के लेकिन मजबूत होते हैं और विमान, कवच, साइकिल और उच्च गति वाली गाड़ियों के लिए पुर्जे बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
लिथियम ऑक्साइडका उपयोग दुनिया भर के ग्लास और सिरेमिक उद्योगों में सिलिका पिघलाने, सिलिका के पिघलने बिंदु को कम करने और वस्तुओं को चमकाने के लिए किया जाता है।
लिथियम यौगिकों का उपयोग सजावटी शराब, साथ ही सैन्य गोला-बारूद में किया जाता है, क्योंकि लिथियम दहन एक उज्ज्वल क्रिमसन लौ का उत्पादन करता है। [full_width]
वर्ष 2020 में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद भारत में MOHFW और ICMR द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी तेजी से काम हो रहा है. नई-नई चीजों पर तेजी से काम चल रहा है. कोरोना के संक्रमण का लम्बे समय तक प्रभाव रह सकता हैं ,इसी को ध्यान में रखते हुए कुछ कंपनीयो द्वारा कुछ अलग प्रकार के मास्क बनाने में आये हैं। आज मैं आपको वर्ष 2020 में कैसे मास्क के क्षेत्र में मनुष्यजाती ने अपनी कला का उपयोग करके कुछ अलग और अनोखे प्रकार के मास्क तैयार किये हैं उनसे अवगत कराऊंगा।
स्मार्ट मास्क (सी- मास्क)
जरा सोच के देखिये की कैसा होंगा अगर आप ने जो मास्क पहना है उससे आप मोबाइल पर आने वाली सभी कॉल्स पर बात कर सके ,आये हुए संदेश को पड़ सके ,ऐसा हुआ तो शायद हर कोई मास्क ख़ुशी से पहनना चाहेंगा ? इन्हे ध्यान रखते हुए और साथ ही कोरोना के लंबे चलने की संभावना के मद्देनजर एक जापानी स्टार्टअप ने स्मार्ट मास्क बनाया है जो कि, इंटरनेट से कनेक्ट रहता है.यह मास्क फोन पर आए मैसेज पढ़कर सुना भी सकता है. इसके अलावा यह मास्क जापानी भाषा का 8 अन्य भाषाओं में अनुवाद करने में भी सक्षम है.
कम्पनी ने इस खास मास्क का नाम "सी- मास्क" रखा है जो कि स्मार्टफोन के ब्लूटूथ से कनेक्ट रहेगा और एक मोबाइल एप के जरिए ऑपरेट होगा। यह मास्क वॉयस कमांड देने पर फोन कॉल भी कर सकता है। इसे "डोनट रोबोटिक्स" नाम के स्टार्टअप ने तैयार किया है। इस मास्क की लॉन्चिंग को लेकर डोनट रोबोटिक्स के सीईओ "तैसुक ओनो" ने कहा, 'हमने रोबोट को तैयार करने के लिए कई सालों तक कड़ी मेहनत की है और अब हम उसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल संक्रमण से लड़ने वाले प्रोडक्ट में कर रहे हैं'
इस मास्क की कीमत करीब $40 हैं यानि ३ हजार रूपये हैं ,और कंपनी इसके 5000 यूनिट्स सितंबर तक बाजार में ला सकती हैं।
सोने का मास्क
बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच लोगों के जीवन में जो एक नई चीज शामिल हुई है, वह है मास्क का इस्तेमाल. कोरोना संक्रमण के इस काल में मास्क हर किसी के जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है। लोग अपने हिसाब से अलग-अलग मास्क डिजाइन कर रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले "शंकर कुराडे " का अब तक का सबसे महंगा मास्क काफी चर्चा में है. शंकर कुराडे पुणे जिले के 'पिंपरी-चिंचवाड़' के रहने वाले हैं.
यह ख्याल कैसे आया -
शंकर ने बताया कि उन्होंने टीवी पर एक शख्स को चांदी का मास्क पहने देखा था.उसके बाद ही सोने का मास्क बनवाने का ख्याल आया था.शंकर सोने के बहुत शौकीन हैं और अपने शरीर पर तकरीबन 3 किलो सोना हमेशा पहने रहते हैं.दसों उंगलियों में सोने की अंगूठी, सोने की चेन और कलाइयों में ब्रेसलेट शंकर के पास हमेशा देखी जा सकती हैं.
क्या कहना हैं शंकर का इस मास्क को लेकर -
यह एक पतला मास्क है जिसमें कई सारे छेद हैं, ताकि सांस लेने में कोई कठिनाई न हो। हालांकि, मैं इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हूं कि यह मास्क प्रभावी होगा या नहीं।
मुस्कुराने वाला मास्क
इस रेस में अमेरिका भी कोई पीछे नहीं अमेरिकी गेम डिजाइनर और प्रोग्रामर "टेलर गोयल" ने मुस्कुराने वाला मास्क तैयार किया है. इस खास तरह के मास्क को पहनकर लगातार जब आप बोलते हैं या हंसते हैं तो एलईडी लाइट जलती है. ये लाइट बताती है कि सामने वाला कब बोल रहा है और कब चुप है.
कितना महंगा हैं यह मास्क-
इस तरह जब आप मुस्कुराते हैं तो मास्क के सामने स्माइली का सिम्बल बनता है.यह मास्क कपड़े का बना हुआ है और इसमें 16 एलईडी लाइट लगी हैं। टेलर इस मास्क को तैयार करने में एक महीने का समय लगा और इस मास्क की लागत करीब 3,800 रुपए आई है. टेलर कहते हैं।
यह सुझाव दिमाग में कैसे आया -
जब टेलर ने ऑनलाइन मुस्कुराने वाला मास्क ढूंढा तो उन्हें नहीं मिला ,तब अचानक इसे तैयार करने का आईडिया उनके दिमाग में आया। टेलर के मुताबिक, मास्क में वॉइस पैनल लगा है जो एलईडी से जोड़ा गया है.यह वॉइस पैनल इंसान के बोलने और चुप रहने जैसी हरकत होने पर जलती हैं.
क्या इसे धोया जा सकता हैं ?
इस मास्क को धोना भी आसान है क्योंकि यह कपड़े का बना हुआ है.ऐसे में इसमें लगी एलईडी लाइट के पैनल को मास्क धोने से पहले को निकालकर बाहर किया जा सकता है. इसमें 9 वोल्ट की बैटरी लगाई गई है जो एलईडी पैनल को सपोर्ट करती है. टेलर के मुताबिक, मास्क से कपड़ा हटाने के बाद बाकी चीजों को समय-समय पर यूवी लैम्प से सैनेटाइज किया जा सकता है. वह कहते हैं कि "फिलहाल मैंने इसे अपने लिए बनाया है और इसे बेचने की कोई योजना नहीं है".
पिछले कई सौ वर्षों में कोरोना के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभा रहे मास्क ने कितने पड़ाव तय किए हैं आज जो मास्क आपके लिए जीवन रक्षक और वायरस के खिलाफ सुरक्षा कवच है. उस मास्क की यात्रा के बारे में क्या किसी ने कभी सोचा है. कहां से शुरू हुआ, कैसे बना, कहां पहुंचा, कहां - कहां इस्तेमाल हुआ?
1340
1340 में बीक मास्क कहलाया, जब प्लेग की शुरुआत हुई थी.उस वक्त बदबू से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल किया जाता था. जानकारी के अनुसार चोंचदार मास्क में फूलों की पत्तियों से खुशबू होती थी.
1600
सन 1600 में रूमाल का इस्तेमाल मास्क के तौर पर हुआ. नाक और मुंह ढकने के लिए इस्तेमाल होने लगा.
1897
1897 में सर्जिकल मास्क अस्तित्व में आया.जब बैक्टीरिया की समझ के बाद रुमाल का बेहतर उपयोग किया गया।
1910
इस वर्ष N95 मास्क का पहला प्रारूप आया. और जब चीन के मंचूरिया में प्लेग महामारी फैली तो महीन तार की जाली, सूती कपड़े से मास्क बनाया गया.
1918
इस वर्ष स्पेनिश फ्लू आया तो उस बुरे वक्त में महामारी में मास्क लगाना प्रतीक बना और फिर मास्क का इस्तेमाल होने लगा.
1930 से 1940
इस वर्ष के दरम्यान जहरीली गैस से मुकाबले के लिए उपयोग एयर फिल्टर गैस मास्क आया. जिसे विश्व युद्ध में जहरीली गैस से बचने के लिए इस्तेमाल किया गया.
1961
इस वर्ष 3M द्वारा सर्जिकल मास्क बनाने में आए.इस वर्ष दुनिया में पहली बार बबल वाला मास्क बना जो मास्क के इतिहास में बड़ा बदलाव भी माना जाता हैं .
1970
पहली बार साल 1970 में UN-95 मास्क तैयार हुए. और इसी वर्ष पहली बार मापदंड और नियम तय हुए.
1972
2 वर्षों बाद ही यानी 1972 में सिंगल यूज N95 मास्क बनाए गए. 3M ने पहला सिंगल यूज N95 मास्क बनाया था.
1990
इस साल टीबी से बचाव में मास्क की अहम भूमिका देखी गई.इलाज के दौरान N95 मास्क का इस्तेमाल किया जाने लगा .
2003
इस साल सार्स के कारण मास्क पहनना अनिवार्य भी हो गया था। देखा जाये तो 2003 में चीन में सार्स महामारी में मास्क पहनना आम हो गया था .
2005
इस साल से प्रदूषण से बचने में N95 मास्क का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होने लगा।
2010
इस साल से मास्क में डिज़ाइन को भी जोड़ा गया। डिजाइनर मास्क को 2010 में मशहूर फैशन डिजाइनर अलेक्जेंडर मैक्वीन ने अपने फैशन शो मे ,मास्क को फैशन गैजेट के तौर पर कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया था.
2020
कभी सोचा नहीं था की मास्क हमारे जीवन का एक अहम और महत्वपुर्ण हिस्सा बनके उभरेंगा करके। इस साल कोरोना महामारी से अपने आप को सुरक्षित रखने सभी ने मास्क को अपने जीवन शैली का हिस्सा बना लिया हैं। इस कोरोना महामारी में वायरस से बचने में N95 मास्क सबसे कारगर साबित हो रहा हैं। आज की इस पोस्ट को यही विराम देता हूँ और कल इसी पोस्ट को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2020 में लोगों ने अपनी कला और टेक्नोलॉजी को मिला के कैसे नए और अनोखे मास्क बनाये है ,उनसे अवगत कराऊंगा।
B.Sc 6th Sem Syllabus (UPDATED) RTMNU
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The updated syllabus of B.Sc 6th sem is available in the form of pdf.6th
sem syllabus (22-23) For more follow this blog.