नमस्कार मित्रों आज के इस एलिमेंट तथ्य सीरीज मे आप सभी का दिल से स्वागत हैं. इस एलिमेंट तथ्य की सीरीज मे मैं आप को सभी 118 एलिमेंट से जुड़ी रोचक और बेहतरीन बाते बताने वाला हूँ. इस सीरीज में आज का पहला एलिमेंट है हाइड्रोजन
पाया गया है कि ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में हाइड्रोजन ही होता है और यह पृथ्वी पर "स्वच्छ" ईंधन का एक आशाजनक स्रोत है ।
क्या आप जानते हैं.
पाया गया है कि ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में हाइड्रोजन ही होता है और यह पृथ्वी पर "स्वच्छ" ईंधन का एक आशाजनक स्रोत है ।
हाइड्रोजन का नाम हाइड्रोजन इस लिए रखा गया क्यूंकि हाइड्रोजन जल कर पानी देता है, और ग्रीक भाषा मे हाइड्रो यांनी पाणी होता है और जण यानीं बनाने वाला. रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री के अनुसार हाइड्रोजन हमारे जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं, और यह जीवित चीजों के लगभग सभी अणुओं में मौजूद है|यह तत्व सितारों में भी होता है और प्रोटॉन-प्रोटॉन प्रतिक्रिया और कार्बन नाइट्रोजन चक्र के माध्यम से ब्रह्मांड को ढेर सारी ऊर्जा देता है लॉस अल्मोस के अनुसार तारकीय हाइड्रोजन संलयन प्रक्रिया में हायड्रोजन एक दूसरे से मिल कर हीलियम बनाते हैं साथ ही इस प्रक्रिया में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती हैं.
जानकार आपको हैरानी होंगी की शुद्ध हाइड्रोजन गैस पृथ्वी के वायुमंडल में दुर्लभ हैं, और यह हमारे ग्रह पर, मुख्य रूप से ऑक्सीजन और पानी के साथ संयोजन में उपलब्ध होतीं है, साथ ही कार्बनिक पदार्थ जैसे जीवित पौधों, पेट्रोलियम और कोयले इत्यादि में यह पाया जाता है.
रॉबर्ट बॉयल ने सन १६७१ में हाइड्रोजन गैस की खोज की थी, जब वह लोहे और एसिड के साथ प्रयोग कर रहे थे जेफ़र्सन लैब के मुताबिक सन 1766 के दरम्यान सबसे पहले हेनरी केवेंडिश ने पहचाना की यह एक अलग तत्व हैं और इस तत्व को फ्रांसीसी रसायनज्ञ एंटोनी लावोइसियर ने हाइड्रोजन नाम दिया था.
हाइड्रोजन में तीन सामान्य आइसोटोप होते हैं: प्रोटियम, जो सिर्फ साधारण हाइड्रोजन है; ड्यूटेरियम, एक स्थिर आइसोटोप जिसे सन १९३२ में हेरोल्ड सी यूरी द्वारा खोजा गया था; और ट्रिटियम अस्थिर ,आइसोटोप है जिसकी खोज सन १९३४ में की गई । तीन आइसोटोप के बीच सिर्फ न्यूट्रॉन की संख्याओं का फर्क हैं । हाइड्रोजन में कोई न्यूट्रॉन नहीं है; लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेटरी के मुताबिक ड्यूटेरियम में एक है, जबकि ट्राइटियम में दो न्यूट्रॉन हैं ।और नुक्लिअर रिएक्टर में ईंधन के रूप में ड्यूटेरियम और ट्राइटियम का उपयोग किया जाता है.
हाइड्रोजन अन्य तत्वों के साथ जुड़ कर असंख्य यौगिक बनाती हैं जैसे पानी (H2O), अमोनिया (NH3), मीथेन (CH4), टेबल शुगर (C12H22O11), हाइड्रोजन पेरोक्साइड (H2O2) और हाइड्रोक्लोरिक एसिड (एचसीएल) इन सभी में हायड्रोजन होता हैं. आम तौर प्राकृतिक गैस हीटिंग द्वारा हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण हमें प्राप्त होता हैं इस मिश्रण को सिंगास कहा जाता हैं फिर इस मिश्रण में से हाइड्रोजन गॅस को अलग किया जाता है.
हाइड्रोजन का उपयोग अमोनिया बनाने किया जाता हैं और इस प्रक्रिया को हेबेर प्रोसेस कहा जाता हैं. हाइड्रोजन का उपयोग रॉकेट ईंधन, वेल्डिंग, हाइड्रोक्लोरिक एसिड के उत्पादन हेतु तथा गुब्बारों मे भी किया जाता है.अगर आप साइंस के विद्यार्थि होंगे तो जानते ही होंगे की हाइड्रोजन गॅस का उपयोग अभी शोधकर्ता हाइड्रोजन ईंधन सेल बनाने में कर रहे हैं, जिसमें हाइड्रोजन गैस का उपयोग करके इलेक्ट्रिक ऊर्जा बनाई जाती है. इस सेल का उपयोग वाहनों के ईधन के रूप में करने से हमे वाहनों से होने वाले प्रदूषण से राहत मिलेंगी.
क्या आप जानते हैं.
- लॉस एलामोस के अनुसार हाइड्रोजन बृहस्पति और अन्य गैस विशालकाय ग्रहों का मुख्य घटक है ।
- नेशनल बैलून म्यूजियम के मुताबिक, पहली गैस बैलून फ्लाइट १७८३ में पेरिस में लॉन्च की गई थी और बैलून में इस्तेमाल होने वाली गैस हाइड्रोजन थी । रॉयल सोसायटी के अनुसार, एयरशिप भरने में इसका उपयोग तब समाप्त हुआ जब हिंडनबर्ग ने आग पकड़ ली ।
- नासा अपने चालक दल को अंतरिक्ष में वितरित करने के लिए रॉकेट ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करता है
- तरलीकृत( liquid) हाइड्रोजन बेहद ठंडा होता है और यह त्वचा के संपर्क में आने पर गंभीर ठंढ का कारण बन सकता है।
- "रसायन विज्ञान के सिद्धांतों के अनुसार." हायड्रोजन हवा से 14 गुना हल्का हैं.
- रॉयल सोसायटी के अनुसार हाइड्रोजन का सभी गैसों की तुलना में सबसे कम घनत्व है.
- हाइड्रोजन एकमात्र ऐसा तत्व है जिसके तीन सामान्य आइसोटोप हैं - प्रोटियम, ड्यूटेरियम और ट्राइटियम - जिनके अलग अलग नाम हैं.
- विश्व स्तर पर, हाइड्रोकार्बन से 95% से अधिक हाइड्रोजन का उत्पादन होता है;और लगभग 4% हायड्रोजन का उत्पादन पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से होता है
- क्लोरलकली(Chloroalkali) उद्योगों में हाइड्रोजन का उप-उत्पाद के रूप में भी उत्पादन किया जाता है।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे में फ्यूल सेल और हाइड्रोजन रिसर्च सेंटर बनाने की योजना बनाई जा रही है।
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