गुरुवार, 2 जुलाई 2020

अपराधों पर प्रबंध लगाने क़ानूनी तौर पर अपराधी को सजा दी जाती हैं ,जिससे की अपराधों में कमी आये फिर चाहे आपका अपराध कितना ही छोटा क्यों न हों ,आखिर अपराध तो अपराध ही होता हैं। जरा सोचिये की अगर कानून अपराधी को कुछ रोमांच भरी सजा दे जिसे भुगतने में उसे मजा भी आये ,तो वो उसे बड़े ही ख़ुशी से पूरी करेंगा ,आज मैं आपको कुछ ऐसी ही अजीबोगरीब  सजा से अवगत कराने वाला हूँ।



सजा के तौर पर कार्टून देखना पड़ा -

अगर आपको कोई आपके अपराध के लिए कार्टून देखने की सजा दे तो  आप तो ख़ुशी  से उसे पूरी  करेंगे।  अमेरिका के मिसौरी में रहने वाले "डेविड बेरी" नामक शख्स ने सैकड़ों हिरणों का शिकार किया था।  इस जुर्म के लिए उसे अदालत ने साल 2018 में  एक साल तक जेल में रहकर महीने में कम से कम एक बार डिज्नी का बाम्बी कार्टून देखने की सजा सुनाई थी।


 सजा के तौर पर गधे के साथ मार्च करना पड़ा -

पढ़ कर शायद आपको यह अजीब लगा होंगा लेकिन यह बात सत्य हैं। यह वारदात है 2003 की जब अमेरिका  के शिकागो में रहने वाले दो लड़को ने  क्रिसमस की शाम चर्च से 'ईसा मसीह' की मूर्ति चुराई थी और उसे नुकसान पहुंचाया था। इस जुर्म का दोषी पाते हुए दोनों को 45 दिन के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी। जेल की सजा के साथ ही  उन्हें अपने गृहनगर में एक गधे के साथ मार्च करने की भी सजा दी गयी थी।

10 साल तक चर्च जाने की मिली सजा -

 यह घटना हैं वर्ष 2011 की जब ,अमेरिका के ओकलाहोमा शहर में रहने वाले  17 वर्षीय नवजवान  "टाइलर एलरेड" द्वारा शराब के नशे में धुत्त होकर गाड़ी चलाने की वजह से हुई सड़क दुर्घटना में उसके एक दोस्त की मौत हो गयी थीं। क्युकी वह नाबालिक भी थे और स्कूली शिक्षा भी ले रहे थे इस कारण अदालत ने उन्हें  हाई स्कूल और ग्रेजुएशन खत्म करने का आदेश दिया था और साल भर के लिए ड्रग, शराब और निकोटिन टेस्ट करवाने के साथ ही 10 साल तक चर्च जाने की सजा सुनाई थी।

पॉकेट मनी मांगना पड़ा भारी -

 हर युवक अपने माता -पिता से पॉकेट मांगता ही हैं ,और युवक की इस मांग को हर पालक पूरी करने का प्रयास करते हैं। लेकिन आपको जानकर बेहद हैरानी होंगी की एक युवक को पॉकेट मनी माँगना बेहद भारी पड़ गया।यह किस्सा हैं  स्पेन के एंडालूसिया में रहने वाले एक 25 वर्षीय युवक  की ,जिसके  माता-पिता ने उसे पॉकेट मनी देनी बंद कर दी थी,  इसी बात से नाराज युवक इस मामले को अदालत में ले आया। हालांकि अदालत ने उल्टे उसी को सजा सुना दी कि अगले 30 दिन के अंदर उसे उसके माता-पिता का घर छोड़ना पड़ेगा और अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा। शायद यह निर्णय सही भी हैं ,आपको क्या लगता हैं ? कमेंट बॉक्स में जरूर बताये।

सजा मिली 20 घंटे तक शास्त्रीय संगीत सुनने की -

 यह किस्सा है साल 2008 का जब नवजवान एंड्रयू वेक्टर को अपनी कार में तेज आवाज में संगीत सुनने पर 120 पाउंड यानी आज के हिसाब से करीब 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। वह अपने कार में पसंदीदा संगीत 'रैप' सुन रहे थे। हालांकि बाद में जज ने कहा कि वह जुर्माने की रकम घटाकर 30 पाउंड कर देंगे, बशर्ते कि वेक्टर को 20 घंटों तक बीथोवन, बाख और शोपेन का शास्त्रीय संगीत सुनना होगा।

रीड मोर -

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें